Wednesday, 9 April 2014

CAPTAIN AMERICA 2 MOVIE REVIEW

 

 SHANTANU MA

 कैप्टन अमेरिका 2  में क्या है खास जानिये शानतनू से-.


यकीन मानिए, बॉलीवुड की much awaited फिल्म “मैं तेरा हीरो” को छोड़कर इस हॉलीवुड flick को देखने की हिम्मत जुटाने में मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ी। तो चलिए मिलकर जानते हैं कि कैसा रहा मेरी हिम्मत का फल!!!
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कैप्टन अमेरिका 2 की कहानी वहीं से शुरु होती है जहां एवेंजर्स (फिल्म) का सिलसिला रुकता है। एवेंजर्स कमेटी ‘S.H.I.E.L.D.S’ पर बुरी ताकतों का खतरा मंडरा रहा है और कमेटी के डायरेक्टर निक फ्यूरी की जान खतरे में है। ‘HYDRA’ नाम की ये बुरी संगठन ‘S.H.I.E.L.D.S’ के साथ ही पूरी दुनिया का भी खात्मा कर देना चाहती है। इस मुसीबत से दुनिया और कमेटी को बचाने के लिए कैप्टन अमेरिका (स्टीव रॉजर्स) और ब्लैक विडो (एजेंट नताशा) को साथ मिलकर ये मिशन खत्म करना होगा।
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Marvels के सभी बड़े सुपरहीरोज़ की कतार में देखा जाए तो कैप्टन अमेरिका ही सबसे फीके पड़ते हैं। क्योंकि ना ही तो ये ‘हल्क’ की तरह ताकतवर हैं, ना ही इनकी इमेज ‘आयरन मैन’ जैसी प्लेबॉय टाईप की है और ना ही तो ‘स्पाईडर-मैन’ की तरह इनका कोई दर्द भरा अतीत है। तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर किस तरीके से कैप्टन अमेरिका को टिकट खिड़की पर बिकाऊ साबित करें।
बस यहीं पर तेजी से उभरता हुआ एक चेहरा सामने आता है, फिल्म के हीरो कैप्टन अमेरिका (क्रिस इवंस) का। दरअसल ये उनकी अभिनय क्षमता ही है, जो Marvels कड़ी के सबसे फीके हीरो को भी बड़ी मज़बूती से बाकी सुपरहीरोज़ की लाईन में खड़ा करती है। Right from the very first installment of Captain America, ये क्रिस इवंस की परफॉर्मंस ही है जो इस series को बॉक्स ऑफिस पर बिकाऊ और टिकाऊ, दोनो बनाती है।
लेकिन इसका मतलब ऐसा कतई नहीं है कि फिल्म का बाकी स्टाफ हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा हो।
चाहे क्रिस्टोफर-स्टीफन की स्क्रिप्ट हो, हेनरी जैकमैन का बैकग्राउंड स्कोर हो, जेफ्री फोर्ड की एडिटिंग हो या दूसरा कोई विभाग........फिल्म हर मामले में एक दूसरे पर भारी ही पड़ती है।
उसपर से अगर इतना शानदार सपोर्टिंग कास्ट हो तो फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर जीत तो पक्की है।
सैमुयल जैक्सन, स्कारलेट जॉनसन, रॉबर्ट रेडफोर्ड, सेबेस्टीयन स्टैन, कॉबी स्मलडर्स और बाकी की पूरी कास्ट का भी काम काबिल-ए-तारीफ है।
साथ ही फिल्म की सबसे बड़ी USP रही उसकी शानदार technology. भाईसाहब एक बात तो माननी पड़ेगी.........साला हम भारतीय कितनी भी मेहनत कर लें पर हॉलीवुड जैसा धांसु vfx हाल फिलहाल के भविष्य में नहीं बना पायेंगे। वाकई, मजा आ गया ये तकनिक देखकर!!!
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Verdict- 4/5
Comment- फिल्म देखने के बाद वाकई में मुझे ऐसा लगा कि मेरी हिम्मत दिखाने की ‘अक्ल’ काम आ गई। फिल्म का हर फ्रेम, हर शॉट और हर किरदार, चीख चीखकर मेरे फैसले को सही ठहरा रहा था। तो बस अब और क्या चाहिए, मुझे अपने वर्डिक्ट को प्रूफ करने के लिए। तो.......
Go for Captain America!!! Yo……………

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